ये क्या ज़िन्दगी है-कोहिनूर १९६०
नाले शब्द हमने सुना है किसी गाने में ? नाले का
उर्दू अर्थ है शिकायत और म्युनिसिपेलटी वाला नाला
कुछ अलग है, बहता वो भी है.
खुशी की शिकायत वाले कुछ ही गीत हैं हिंदी फिल्म
संगीत जगत में मसलन-क्यूँ मुझे इतनी खुशी दे दी
के घबराता है दिल-अनुपमा का गाना.
शकील बदायूनीं की रचना सुनते हैं लता की आवाज़ में.
परदे पर इसे मीना कुमारी पर फिल्माया गया है.
नायिका कैदखाने में बंद है और गीत गा रही है. उस
पर अभी और गाज गिरना बाकी है जब वो नायक की
खराब हालत को देखेगी.
गीत के बोल:
ज़ख्मो से कलेजा चूर हुआ
हद हो गई ग़म में नालो की
क्या यूँ ही तबाही होती है
दुनिया में मोहब्बत वालों की
ये क्या ज़िन्दगी है ये कैसा जहाँ है
ये क्या ज़िन्दगी है ये कैसा जहाँ है
जिधर देखिये ज़ुल्म की दास्ताँ है
ये क्या ज़िन्दगी है ये कैसा जहाँ है
कहीं है कफ़स किसी का बसेरा
कही है निगाहों में ग़म का अंधेरा
कही दिल का लुटता हुआ कारवां है
जिधर देखिये ज़ुल्म की दास्ताँ है
ये क्या ज़िन्दगी है ये कैसा जहाँ है
यहां आदमी आदमी का है दुश्मन
यहाँ चाक इंसानियत का है दामन
मुहब्बत का उजड़ा हुआ आशियां है
जिधर देखिये ज़ुल्म की दास्ताँ है
ये क्या ज़िन्दगी है ये कैसा जहाँ है
ये बेरहम दुनिया समझ में न आये
यहाँ कर रहे है सितमगर खुदाई
न जाने तू ए दुनियावाले कहाँ है
जिधर देखिये ज़ुल्म की दास्ताँ है
ये क्या ज़िन्दगी है ये कैसा जहाँ है
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Ye kya zindagi hai-Kohinoor 1960
Artist: Meena Kumari, Dilip Kumar
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