Feb 2, 2016

देख के तेरी नज़र-हावडा ब्रिज १९५८

दूरदर्शन के कार्यक्रम चित्रहार पर इस फिल्म के दो गीत बहुत
दिखाये गए थे एक ज़माने में. एक आप सुन चुके हैं आज सुनें
दूसरा गीत. ये भी आशा भोंसले का गाया गीत है.

कार्यक्रम बनाने वाली टीम को शायद ये गीत बहुत पसंद थे या
उनके पास विकल्प सीमित थे. जो भी हो, इस बहाने हमें सबसे
खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक के दर्शन हो जाते थे. धन्यवाद.

धुन नशीली सी है और ओ पी नैय्यर उस समय खुद भी जवान
हुआ करते थे अतः उनकी धुनें अतिरिक्त ऊर्जा से भरी मालूम
पढ़ती थीं. अब आप ये ना कहने लगें कि उन्होंने अपने प्रथम
कुछ गीत सी एच आत्मा से गवाए जो बुजुर्गियत का प्रतीक हैं.
सी एच आत्मा ने कुछ कोशिश करी सहगल की कमी को पूरा
करने की, लेकिन कुछ २०-३० गीत बाद उन्हें ज्यादा अवसर
नहीं मिले, अलबत्ता नैय्यर स्थापित होते चले हिंदी फिल्म संगीत
क्षेत्र में.

छोटी छोटी पंक्तियों वाला ये गीत कमर जलालाबादी का लिखा हुआ
है. इसे आशा के साथ रफ़ी ने गाया है. परदे पर आप एकोर्डियन
बजाते हुए देखे सकते हैं गुडी सीरवाई को जो अपने ज़माने के
उस्ताद प्यानो और एकोर्डियन बजाने वाले हुआ करते थे और इन
साहब ने कई संगीतकारों के साथ काम किया है.



गीत के बोल:

देख के तेरी नज़र
बेकरार हो गए
ऐ जी हुजुर ठहरिये
हम शिकार हो गए

देख के तेरी नज़र
बेकरार हो गए
ऐ जी हुजुर ठहरिये
हम शिकार हो गए


आओ जी डांस कर लें
थोडा रोमांस कर लें
पहला नज़ारा हुआ
एक इशारा हुआ
किस्से हज़ार हो गए

देख के तेरी नज़र
बेकरार हो गए
ऐ जी हुजुर ठहरिये
हम शिकार हो गए

मुख पे पसीना हल्का
गोरा ये रूप हाय
हमने तो आज देखी
बरखा में धुप हाय
मुख पे पसीना हल्का
गोरा ये रूप हाय
हमने तो आज देखी
बरखा में धुप हाय
देखो ये लड़के सारे
बेचारे दिल के मारे
तुम पे निसार हो गए

देख के तेरी नज़र
बेकरार हो गए
ऐ जी हुजुर ठहरिये
हम शिकार हो गए

एक सवाल डीयर
पूछों जनाब से
लाये हो आँखें कहीं
धो के शराब से
एक सवाल डीयर
पूछों जनाब से
लाये हो आँखें कहीं
धो के शराब से
आँखें तेरी मस्तानी
हम तो ऐ दिलवर जानी
डूब के पार हो गए

देख के तेरी नज़र
बेकरार हो गए
ऐ जी हुजुर ठहरिये
हम शिकार हो गए
…………………………………………………..
Dekh ke teri nazar-Howrah Bridge 1958

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