दीवानों से ये मत पूछो- उपकार १९६७
के साथ काफी काम किया और उल्लेखनीय रहा. कमर ने उनसे
काफी पहले हिंदी फिल्मों के लिए लिखना शुरू कर दिया था
मगर कल्याणजी भाई के फिल्म संगीत क्षेत्र में पदार्पण के बाद
कमर ने उनके लिए काफी फिल्मों के गीत लिखे. ये दौर पचास
के दशक से अस्सी के दशक तक चला. बीच में इन्दीवर ने
सबसे ज्यादा सेवाएं दीं कल्याणजी आनंदजी को
जनता आज भी इसे इन्दीवर का लिखा गीत समझती है. फिल्म
उपकार के लिए चार गीतकारों ने गीत लिखे-गुलशन बावरा,
प्रेम धवन, कमर जलालाबादी और इन्दीवर. कसमें वादे प्यार
वफ़ा सब-इन्दीवर का लिखा हुआ है.
गीत के बोल:
दीवानों से ये मत पूछो
दीवानों से ये मत पूछो
दीवानों पे क्या गुज़री है गुज़री है
हाँ उनके दिलों से ये पूछो
अरमानों पे क्या गुज़री है गुज़री है
दीवानों से ये मत पूछो
औरों को पिलाते रहते हैं
और ख़ुद प्यासे रह जाते हैं
औरों को पिलाते रहते हैं
और ख़ुद प्यासे रह जाते हैं
ये पीने वाले क्या जाने
पैमानों पे क्या गुज़री है गुज़री है
दीवानों से ये मत पूछो
मालिक ने बनाया इन्सां को
इंसान मुहब्बत कर बैठा
मालिक ने बनाया इन्सां को
इंसान मुहब्बत कर बैठा
वो ऊपर बैठा क्या जाने
इंसानों पे क्या गुज़री है गुज़री है
दीवानों से ये मत पूछो
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Deewanon se ye mat poochho-Upkar 1967
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