Jun 2, 2016

हम दर्द का अफ़साना-दर्द १९४७

बिना विवरण सीरीज़ के तहत आज एक गीत सुनवा रहे हैं.

फिल्म: दर्द
वर्ष: १९४७
गायिका:शमशाद बेगम
बोल:शकील बदायूनी
संगीत: नौशाद
फिल्म निर्देशक-ए. आर. कारदार



गीत के बोल:

हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
हर दिल में मुहब्बत की इक आग लगा देंगे

हो जायेगी फिर दुनिया आबाद यतीमों की
गूंजेगी ज़माने में फ़रियाद यतीमों की
रोते हुए नगमों से तूफ़ां उठा देंगे
हर दिल में मुहब्बत की इक आग लगा देंगे

सरकार-ए-दो आलम की उम्मत पे सितम क्यों हो
अल्लाह के बन्दों को मझदार का ग़म क्यों हो
इस्लाम की कश्ती को हम पार लगा देंगे
हर दिल में मुहब्बत की इक आग लगा देंगे

एहसान यतीमों की तक़दीर पे कर डालो
फ़रियाद है दिलवालों, फ़रियाद है दिलवालों
हम पर भी करम करना, हम तुम को दुआ देंगे
हर दिल में मुहब्बत की इक आग लगा देंगे

हम दर्द का अफ़साना दुनिया को सुना देंगे
हर दिल में मुहब्बत की इक आग लगा देंगे
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Ham dard ka afsana-Dard 1947

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