बेकरार कर के हमें यूँ-बीस साल बाद १९६२
बजा हुआ रोमांटिक गीत है कि आपको आज से बीस साल बाद
भी सुनाई दे जायेगा. हेमंत कुमार के गाये गीतों में जो सबसे
ज्यादा सुने गए गीत हैं उनमें से एक है ये.
परदे पर विश्वजीत वहीदा रहमान के लिए इस गीत को गा रहे
हैं. गीत शकील बदायूनीं ने लिखा है और धुन हेमंत कुमार की
बनाई हुई है.
गीत के बोल:
बेक़रार कर के हमें यूँ न जाइये
आपको हमारी कसम लौट आइये
बेक़रार कर के हमें यूँ न जाइये
आपको हमारी कसम लौट आइये
देखिये वो काली काली बदलियाँ
ज़ुल्फ़ की घटा चुरा न ले कहीं
चोरी चोरी आके शोख बिजलियाँ
आपकी अदा चुरा न ले कहीं
यूँ क़दम अकेले न आगे बढ़ाइये
आपको हमारी कसम लौट आइये
देखिये गुलाब की वो डालियाँ
बढ़ के चूम ले न आप के क़दम
देखिये गुलाब की वो डालियाँ
बढ़ के चूम ले न आप के क़दम
खोए खोए भँवरे भी हैं बाग़ में
कोई आपको बना न ले सनम
बहकी बहकी नज़रों से खुद को बचाइये
आपको हमारी कसम लौट आइये
ज़िन्दगी के रास्ते अजीब हैं
इनमें इस तरह चला न कीजिये
खैर है इसी में आपकी हुज़ूर
अपना कोई साथी ढूँढ लीजिये
सुन के दिल की बात ना मुस्कुराइये
आपको हमारी कसम लौट आइये
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Bekaraar kar ke hamen-Bees saal baad 1962
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