झुकी आई रे बदरिया-भाभी १९३८
था. समय हो गया उस बात को. अब के सावन का महीना
आधा बीत गया है और हमने आपको अभी तक कोई और
सावन गीत नहीं सुनाया.
आपको आज एक डिवाईन सावन गीत सुनवाते हैं. मीरा बाई
रचित इस गीत को फिल्म भाभी के लिए सरस्वती देवी ने
संगीतबद्ध किया है जिसे रेणुका देवी गा रही हैं. परदे पर
कलाकार भी वही हैं. साथ में गुज़रे ज़माने के एक नामचीन
कलाकार भी हैं-जयराज.
गीत के बोल:
झुकी आई रे बदरिया सावन की
झुकी आई रे बदरिया सावन की
सावन की
सावन की मनभावन की
सावन की मनभावन की
झुकी आई रे बदरिया सावन की
झुकी आई रे बदरिया
नन्ही नन्ही बुंदियाँ मेहरा बरसे
पी पी पपीहा राज करे
आली जाए कहो पिया आवन की
झुकी आई रे बंदरिया सावन की
झुकी आई रे बदरिया
सुन रे हठी पपीहा पापी
पी को नाम न ले
सुन पावे कोई बिरहा की मारी
पी कारन कीजे
ये दोउ नैना कहो ना माने
नदिया बहे जैसे सावन की,
कोई जाए कहो पिया आवन की
झुकी आई रे बदरिया सावन की
झुकी आई रे बंदरिया
सावन की मनभावन की
सावन की मनभावन की
झुकी आई रे बदरिया सावन की
झुकी आई रे बदरिया
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Jhuki aayi re badariya-Bhabhi 1938
Artists: Renuka Devi, Jairaj
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