ये लहरा के बल खा के-गूँज १९५२
हम बार-बार करते हैं. एक पोस्ट में हमने जिक्र किया था कि
फ़िल्मी चीज़ें लहरा के बल खा के भी आ सकती हैं. जिस गीत
में इस बात का शुद्ध जिक्र है वो है फिल्म गूंज(१९५२) का एक
गीत जिसे दीनानाथ मधोक साहब ने लिखा था.
लहराना अथवा बल खाना शब्दों वाले गीत हम आपको एक दर्ज़न
सुनवा चुके हैं अभी तक. मुझे तकरीबन २०-२५ गीत तो ध्यान
हैं जिनमें ये शब्द आता है. सोचता हूँ एक नयी श्रेणी ही बना
लूं-लहराना/बल खाना हिट्स.
गीत सुनते हैं जो सुरैया संग कोरस ने गाया है. संगीत है सरदूल
क्वात्रा का. काफी गूँज वाला गीत है जिसमें ओवर्लैपिंग है सुरैया
के बोलों और कोरस की. काफी खूबसूरत गीत है मगर ना जाने
क्यूँ प्रसिद्धि नहीं पा सका ?
गीत के बोल:
ये लहरा के बल खा के राह पे
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
आ गये आ गये आ गये
जिनको देख देख शरमाऊँ
और न देखूँ तो घबराऊँ
वो जो मेरे ख़यालों पे छा गये
आ गये
वो जो मेरे ख़यालों पे छा गये
आ गये
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
तन के गोरे मन के काले-काले
तन के गोरे मन के काले-काले
जिनको मैं कहूँ चोर दिल कहे भोले भाले
जिनको मैं कहूँ चोर दिल कहे भोले भाले
वो जो ठण्डी आग लगा गये
आ गये
वो जो ठण्डी आग लगा गये
आ गये
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
नैना उनके ढूँढ रहे हैं हमको
नैना उनके ढूँढ रहे हैं हमको
पर हम तो दुख देंगे बड़ा ऐसे बलम को
पर हम तो दुख देंगे बड़ा ऐसे बलम को
वो जो दिल का चैन चुरा गये
आ गये
वो जो दिल का चैन चुरा गये
आ गये
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
आ गये आ गये आ गये
ये लहरा के बल खा के राह पे
ये लहरा के बल खा के राह पे
ये लहरा के बल खा के राह पे
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Lehra ke bal kha ke-Goonj 1952
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