आ जा पिया तोहे प्यार-बहारों के सपने १९६७
गीत. श्वेत श्याम के युग के अंतिम चरण में बनी हुई एक
फिल्म है और राजेश खन्ना के कैरियर की प्रथम कुछ
फिल्मों में से एक जिसमें उनकी नायिका आशा पारेख हैं.
आपने उन्हें आन मिलो सजना में ज़रूर देखा होगा. ज़्यादा
लोकप्रिय फिल्म है आन मिलो सजना मगर श्वेत श्याम युग
की फिल्म भी देखने लायक है और इसका कथानक कुछ
अलग सा है.
फिल्म: बहारों के सपने
वर्ष: १९६७
गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी
गायिका: लता मंगेशकर
संगीतकार: राहुल देव बर्मन
गीत के बोल:
आ जा पिया तोहे प्यार दूँ
गोरी बैयां तो पे वार दूँ
किसलिए तू इतना उदास
सूखे सूखे होंठ अखियों में प्यास
किसलिए किसलिए हो ओ ओ
आ जा पिया तोहे प्यार दूँ
हो गोरी बैयां तो पे वार दूँ
किसलिए तू इतना उदास
सूखे सूखे होंठ अखियों में प्यास
किसलिए किसलिए हो ओ ओ
आ जा पिया तोहे प्यार दूँ
हो गोरी बैयां तो पे वार दूँ
जल चुके हैं बदन कई पिया इसी रात में
थके हुए इन हाथों को दे दे मेरे हाथ में
हो सुख मेरा ले ले मैं दुःख तेरे ले लूं
सुख मेरा ले ले मैं दुःख तेरे ले लूं
मैं भी जियूं तू भी जिए हो ओ ओ
आ जा पिया तोहे बुखार दूँ
हो गोरी बैयां तो पे वार दूँ
होने दे रे जो ये जुल्मी है पथ तेरे गाँव के
पलकों से चुन डालूँगी मैं कांटे तेरे पाँव के
हो लट बिखराए चुनरियाँ बिछाए
लट बिखराए चुनरियाँ बिछाए
बैठी हूँ मैं तेरे लिए
आ जा पिया तोहे प्यार दूँ
हो गोरी बैयां तो पे वार दूँ
अपनी तो जब अखियों से बह चलें धार के
खिल पडी वही एक हसीं पिया तेरे प्यार के
मैं जो नहीं हारी सजन ज़रा सोचो
मैं जो नहीं हारी सजन ज़रा सोचो
किसलिए किसलिए
आ जा पिया तोहे प्यार दूँ
हो गोरी बैयां तो पे वार दूँ
किसलिए तू इतना उदास
सूखे सूखे होंठ अखियों में प्यास
किसलिए किसलिए हो ओ ओ
आ जा पिया तोहे प्यार दूँ
हो गोरी बैयां तो पे वार दूँ
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Aa ja piya tohe pyar doon-Baharon ke sapne 1967
Artists: Asha Parekh, Rajesh Khanna
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