बसा लो अपनी निगाहों में– बाज़ार १९४९
प्रतिभा वाले या यूँ कहें विशिष्ट स्थान रखने वाले गिनती के हैं.
श्याम सुन्दर एक बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार थे. उनकी धुनों
में आपको कुछ अलग सा महसूस होगा. हिंदी गीत हों या पंजाबी
उन्होंने अपनी धाक जमाई.
आज आपको श्याम सुन्दर के संगीत से सजा लता मंगेशकर का
गाया एक लोकप्रिय गीत सुनवाते हैं. इस गीत को परदे पर निगार
सुल्ताना पर फिल्माया गया है. कमर जलालाबादी ने इसे लिखा
है और ये उनके लिखे और सर्वाधिक लोकप्रिय हुए गीतों में से
एक है.गीत में आपको दर्शक दीर्घ में श्याम और गोप बैठे दिखाई
देंगे.
गीत के बोल:
बसा लो अपनी निगाहों में प्यार थोडा सा
दिखा दो जलवा हमें एक बार
हमें एक बार थोडा सा
बसा लो अपनी निगाहों में प्यार थोडा सा
कहा जो मैंने के हमसे
मिलेंगे कब सरकार
कहा जो मैंने के हमसे
मिलेंगे कब सरकार
तो हंस के बोले
तो हंस के बोले अभी इंतज़ार
अभी इंतज़ार थोडा सा
दिखा दो जलवा हमें एक बार
हमें एक बार थोडा सा
खुशी से भर दिया
दामन रकीब का तुमने
खुशी से भर दिया
दामन रकीब का तुमने
हुजूर मेरे लिए
हुजूर मेरे लिए
हुजूर मेरे लिए भी करार थोडा सा
दिखा दो जलवा हमें एक बार
हमें एक बार थोडा सा
दिखा दो जलवा हमें एक बार
मरीज-ए-इश्क हमें तो बना दिया तुमने
मरीज-ए-इश्क हमें तो बना दिया तुमने
चढ़े तुझे भी
चढ़े तुझे भी किसी दिन बुखार
किसी दिन बुखार थोडा सा
दिखा दो जलवा हमें एक बार
हमें एक बार थोडा सा
बसा लो अपनी निगाहों में प्यार थोडा सा
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Basa lo apni nigahon mein-Bazar 1949
Artist: Nigar Sultana, Shyam, Gope
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