Aug 10, 2016

गाए जा गीत मिलन के– मेला १९४८

मेला नाम से तीन फ़िल्में बनी हैं. एक श्वेत श्याम युग में और
दो  फ़िल्में रंगीन दौर में. आज आपको पुराणी मेला से एक काफी
चर्चित गीत सुनवाते हैं. इसे मुकेश ने गाया है.

दिलीप कुमार और नर्गिस ने बहुत कम फिल्मों में साथ साथ काम
किया है. दीदार, अनोखा प्यार, अंदाज़, मेला, हलचल, जोगन और
बाबुल.

बैलगाडी पर नायक चला जा रहा है गांव से दूर. नायिका की डोली
दूर कहीं चली जा रही है.



गीत के बोल:

गाए जा गीत मिलन के
तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
गाए जा गीत मिलन के
तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है

काहे छलके नैनों की गगरी
काहे बरसे जल
तुम बिन सूनी साजन की नगरी
परदेसिया घर चल
प्यासे हैं दीप नयन के
तेरे दर्शन के
सजन घर जाना है

गाए जा गीत मिलन के
तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है

लुट न जाए जीवन का डेरा
मुझको है ये ग़म
हम अकेले ये जग लुटेरा
बिछड़ें न मिल के हम
बिगड़े नसीब न बन के
ये दिन जीवन के
सजन घर जाना है

गाए जा गीत मिलन के
तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है

डोले नैना प्रीतम के द्वारे
मिलने की है धुन
बालम तेरा तुझको पुकारे
याद आनेवाले सुन
साथी मिलेंगे बचपन के
खिलेंगे फूल मन के
सजन घर जाना है

गाए जा गीत मिलन के
तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
...................................................................
Gaaye ja geet milan ke-Mela 1948

Artist:Dilip Kumar

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP