जी चाहता है अब तो-झांझर १९५३
है. इनमें से अधिकाँश के गाने लोकप्रिय हैं. आज सुनते हैं १९५३
की फिल्म झांझर से लता मंगेशकर का गाया एक गीत.
फिल्म में मोतीलाल और कामिनी कौशल की जोड़ी है. राजेंद्र कृष्ण
ने फिल्म के गीत लिखे हैं. सी रामचंद्र ने लता मंगेशकर के लिए
विशेष गीत बनाये या यूँ कहें लता मंगेशकर की आवाज़ की वजह
से उन्हें सहूलियत हुई अपनी कल्पनाशीलता पूरी तरह से उडेलने
में. राजेंद्र कृष्ण ने भी उनको एक से बढ़ कर एक गीत लिख के
दिए और इस तरह से लंबे समय तक संगीत रसिकों को आनंदित
करने वाला सामान मुहैया कराया.
गीत के बोल:
जी चाहता है अब तो दुनिया से रूठ जायें
होंठों पे आ रहीं हैं अब मौत की दुआएं
जी चाहता है अब तो दुनिया से रूठ जायें
होंठों पे आ रहीं हैं अब मौत की दुआएं
ओ बेवफ़ा ज़माने दिल को लगा के देखा
दिल को लगा के देखा
ओ बेवफ़ा ज़माने दिल को लगा के देखा
दिल को लगा के देखा
अपना समझ के उनको अपना बना के देखा
दिल में बसा के देखा
लेकिन मिली वफ़ा के बदले हमें जफ़ाएं
होंठों पे आ रहीं हैं अब मौत की दुआएं
चलते न तीर गम के दिल ना अगर लगाते
झोंके में आ ना जाते
चलते न तीर गम के दिल ना अगर लगाते
धोखे में आ ना जाते
ये दिन ना देखते हम आंसू न यूँ बहाते
दो दिन तो मुस्कुराते
घिर घिर के यूँ न आती अश्क़ों भरी घटाएं
होंठों पे आ रहीं हैं अब मौत की दुआएं
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Jee chahta hai ab to-Jhanjhar 1953
Artists: Motilal, Kamini Kaushal
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