उनका इशारा जान से प्यारा–पहली नज़र १९४५
सुना जाए जिसे नसीम अख्तर ने गाया है. इसके बोल लिखे हैं
सफ़दर आह सीतापुरी ने और संगीत है अनिल बिश्वास का. फिल्म
में मोतीलाल और वीणा प्रमुख भूमिकाओं में हैं. साथ में और
कलाकार भी हैं-मुनव्वर सुल्ताना, बाबुराव पेंढारकर, नीमो, बिब्बो,
बालक राम, बुढो आडवाणी और कुक्कू.
नसीम अख्तर की आवाज़ में गीत ५० के दशक में नहीं सुनाई दिए.
५० के दशक में पूरा मामला ही बदल गया और लता, गीता और
आशा का ज़माना आ गया.
गिटार के कोर्ड्स आप सुन सकते हैं गीत में. अनिल बिश्वास भी
एक प्रयोगधर्मी संगीतकार थे मगर सब नियंत्रित होता था उनके
संगीत में. गायन पर वाद्य यंत्र हावी नहीं होते थे. गीत में सितार
और बांसुरी के भी छोटे छोटे टुकड़े हैं.
गीत के बोल:
उनका इशारा जान से प्यारा
दे गया दिल को मेरे सहारा
उनका इशारा जान से प्यारा
कर के मोहब्बत मुझसे वादा
कह दिया हाँ हाँ मैं हूँ तुम्हारा
मैं हूँ तुम्हारा
जान से प्यारा
दे गया दिल को मेरे सहारा
उनका इशारा जान से प्यारा
जैसे नया एक साज़ बजाया
जैसे नया एक गीत सुनाया
जैसे नया एक साज़ बजाया
जैसे नया एक गीत सुनाया
जागी जागी जागी उमंगें
जागी जागी जागी उमंगें
चौंकी जवानी दिल ने पुकारा
चौंकी जवानी दिल ने पुकारा
जान से प्यारा
जान से प्यारा
दे गया दिल को मेरे सहारा
उनका इशारा जान से प्यारा
खत्म हुआ बचपन का ज़माना
खत्म हुआ बचपन का ज़माना
पी की नगरिया में अब है जाना
पी की नगरिया में अब है जाना
थोड़ी सी नैया और बढ़ा दे
थोड़ी सी नैया और बढ़ा दे
पास है मंज़िल वो है किनारा
पास है मंज़िल वो है किनारा
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Unka ishara jaan se pyara-Pehli nazar 1945
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