बेखुदी का बड़ा सहारा है-एक ही भूल १९८१
जीतेंद्र के लिए अमूमन संगीतकारों ने रफ़ी या किशोर की आवाज़ ली
गानों में, मगर यहाँ प्रयोग के तौर पर एस पी बालू की आवाज़ ली
गयी और ये गीत हिट साबित हुआ.
फिल्म एक ही भूल सन १९८१ की एक सफल फिल्म है जिसमें जीतेंद्र,
रेखा के अलावा शबाना आज़मी भी प्रमुख भूमिका में हैं. फिल्म के गीत
आनंद बक्षी ने लिखे और संगीत है लक्ष्मी-प्यारे का.
फिल्म में नाजनीन की संक्षिप्त भूमिका है और वो फिल्म की भूल के
बाद गायब हो जाती हैं. मज़हर खान भी एक छोटे रोल में मौजूद हैं.
गीत के बोल:
बेखुदी का बड़ा सहारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
वरना दुनिया में क्या हमारा है
लोग मरते हैं मौत आने से
लोग मरते हैं मौत आने से
हमको इस ज़िंदगी ने मारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
आदमी कुछ भी कर नहीं सकता
आदमी कुछ भी कर नहीं सकता
वक्त ऐसा गुज़र नहीं सकता
वक्त ऐसा मगर गुज़ारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
वरना दुनिया में क्या हमारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
कितनी हल्की है कितनी बोझिल है
कितनी हल्की है कितनी बोझिल है
कोई औरत नहीं ये बोतल है
बंद इसमें जहान सारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
वरना दुनिया में क्या हमारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
इस मुक़द्दर का ये सितम देखो
इस मुक़द्दर का ये सितम देखो
डूबते जा रहे हैं हम देखो
और वो सामने किनारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
वरना दुनिया में क्या हमारा है
लोग मरते हैं मौत आने से
हमको इस ज़िंदगी ने मारा है
बेखुदी का बड़ा सहारा है
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Bekhudi ka bada sahara hai-Ek hi bhool 1981
Artists: Jeetendra, Master Ravi
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