चले जा रहे हो जो नज़रें चुराये-गूँज १९५२
कर मैं भी कुछ दावे कर सकता हूँ अपने ज्ञान के, मगर नहीं.
आपको इस फिल्म का लहराने और बल खाने वाला गीत सुनवाया
था पहले.
दूसरा गीत सुनते हैं इस फिल्म से जो सुरैया का गाया हुआ है.
इसके बोल भी डी एन मधोक साहब ने लिखे हैं और संगीत फिर
से एक बार सर्दूल क्वात्रा का ही है.
गीत के बोल:
चले जा रहे हो जो नज़रें चुराये
चले जा रहे हो जो नज़रें चुराये
हमें कुछ न कहना जो हम याद आयें
चले जा रहे हो जो नज़रें चुराये
हमें कुछ न कहना जो हम याद आयें
चले जा रहे हो
न दिन कट सकेंगे न गुजरेंगी रातें
न दिन कट सकेंगे न गुजरेंगी रातें
वहां किससे होंगीं मोहब्बत की बातें
वहां किससे होंगीं मोहब्बत की बातें
मोहब्बत का मारा अगर दिल सताये
मोहब्बत का मारा अगर दिल सताये
हमें कुछ न कहना जो हम याद आयें
चले जा रहे हो
खड़े हो के खिडकी में रातें बिताना
खड़े हो के खिडकी में रातें बिताना
गगन के सितारों से जान-ओ-दिल लगाना
गगन के सितारों से जान-ओ-दिल लगाना
सुबह का सितारा अगर टिमटिमाये
सुबह का सितारा अगर टिमटिमाये
हमें कुछ न कहना जो हम याद आयें
हमें कुछ न कहना जो हम याद आयें
चले जा रहे हो जो नज़रें चुराये
हमें कुछ न कहना जो हम याद आयें
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Chale ja rahe ho-Goonj 1952
Artist: Suraiya