ओ रात के मुसाफिर-मिस मैरी १९५७
और स्वरबद्ध बहुत से गीत आपको सुनवा दिए. ये एक संयोग ही है
जो गीत पोस्ट करने के लिए दिमाग में आता उसका हेमंत कुमार
से कुछ ना कुछ कनेक्शन ज़रूर निकल आता. एक दिन आपको
मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे हुए गीत ही सुनवाए थे. वो भी किसी
ऑटोमेटिक प्रोसेस के तहत अपने आप दिमाग में आते चले गए.
आज सुनेंगे फिल्म मिस मैरी से एक युगल गीत. थोडा हास्य पुट
लिए ये गीत जैमिनी गणेशन और मीना कुमारी पर फिल्माया गया
है. नायक गीत गा रहा है और इतना मगन है कि जैसे ही महिला
स्वर गीत गाते सुनाई देता है और चौंक पड़ता है और अपने गले
को जांचता है.
गीत लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने और इसे रफ़ी-लता ने गाया है. फिल्म
में संगीत हेमंत कुमार का है. हेमंत कुमार के संगीत वाला ये प्रसिद्ध
एक युगल गीत है. उस ज़माने में चित्रगुप्त ने भी कुछ लता-रफ़ी के
युगल गीत बनाये ये गीत उन गीतों का भाई-बहन सा सुनाई देता है.
गीत के बोल:
ओ रात के मुसाफिर चंदा ज़रा बता दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
ओ रात के मुसाफिर चंदा ज़रा बता दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
है भूल कोई दिल की, आँखों की या खता है
कुछ भी नहीं तो मुझसे फिर क्यो कोई खफा है
है भूल कोई दिल की, आँखों की या खता है
कुछ भी नहीं तो मुझसे फिर क्यो कोई खफा है
फिर क्यो कोई खफा है
मंजूर है वो मुझको जो कुछ भी तू सज़ा दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
ओ रात के मुसाफिर चंदा ज़रा बता दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
दिल पे किसी को अपने काबू नहीं रहा है
ये राज़ मेरे दिल से आँखों ने ही कहा है
दिल पे किसी को अपने काबू नहीं रहा है
ये राज़ मेरे दिल से आँखों ने ही कहा है
आँखों ने ही कहा है
आँखों ने जो है देखा दिल किस तरह भुला दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
ओ चाँद आसमां के दम भर ज़मीं पे आ जा
भूला हुआ है राही तू रास्ता दिखा जा
तू रास्ता दिखा जा
भटकी हुई है नैया साहिल इसे दिखा दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
ओ रात के मुसाफिर चंदा ज़रा बता दे
मेरा कसूर क्या है तू फ़ैसला सुना दे
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O raat ke musafir-Miss Mary 1957
Artists:Gemini Ganeshan, Meena Kumari
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