कान में झुमका चाल में ठुमका-सावन भादो १९७०
बड़े हिट गीतों में गिना जाता है. काफी तेज गति वाला मगर
रोचक गीत है ये. वर्मा मालिक इसके रचयिता हैं और सत्तर के
दशक में इस फिल्म और इसके गानों ने जो धूम मचाई उसकी
गूँज आज तक सुनाई देती है.
रफ़ी के गाये इस गीत का संगीत तैयार किया है सोनिक ओमी
की जोड़ी ने. नवीन निश्चल और रेखा इस गीत में कलाकार हैं.
रेखा की पहली हिंदी फिल्म थी अनजाना सफर जो सन १९६९ में
बनना शुरू हुई और रिलीज़ हुई सन १९७९ में दो शिकारी के नाम
से. रिलीज़ होने वाली उनकी पहली फिल्म है सावन भादो.
गीत के बोल:
हाय हाय
कान में झुमका चाल में ठुमका कमर पे चोटी लटके
हो गया दिल का पुरजा-पुरजा लगे पचासी झटके
हो तेरा रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
कान में झुमका चाल में ठुमका कमर पे चोटी लटके
हो गया दिल का पुरजा-पुरजा लगे पचासी झटके,
हो तेरा रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
नशे से पलकें तनीं-तनीं जान पे मेरी बनी-बनी
चढ़ती जवानी तेरी कैसे सम्भाले तू
हुस्न तेरा मतवाला है अरी किसके लिये सम्भाला है
बनूँ रखवाला कर दे मेरे हवाले तू
तेरी ये जवानी अलबेली ये पहेली है अकेली
मुझे साथी बना ले हाँ
इन ज़ुल्फों में उलझ-उलझ के कई मुसाफिर भटके
हो गया दिल का पुरजा-पुरजा लगे पचासी झटके
हो तेरा रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
बोल कहूँ मैं खरे-खरे जाती है क्यूँ परे-परे
तेरी ज़िंदगी में आ जा प्यार को बसा दूँ मैं
पास अगर तू आ जाए साँस-साँस टकरा जाए
दिल क्यूँ धड़कता है तुझको दिखा दूँ मैं
तीर पे तीर चला के मुस्का के शरमा के
मुझे पास बुला ले
वहीं पे मेले लग जाएँ तू देखे जहाँ पलट के
हो गया दिल का पुरजा-पुरजा लगे पचासी झटके
हो तेरा रँग है नशीला, अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
कान में झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लटके,
हो गया दिल का पुरजा-पुरजा लगे पचासी झटके
हो तेरा रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
रँग है नशीला अंग-अंग है नशीला
हाय हाय
.......................................................................
Kaan mein jhumka-Sawan Bhado 1970
Artists: Navin Nishchal, Rekha
0 comments:
Post a Comment