हमको छोड़ के कहाँ जाओगे-श्रीमती ४२० १९५६
श्री ४२० एक सफल फिल्म है और इसका संगीत भी खूब चला है.
जी पी सिप्पी ने इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन किया था.
फिल्म के प्रमुख कलाकार जॉनी वॉकर और मीना शौरी हैं. इस
फिल्म में ओमप्रकाश और हेलन भी मौजूद हैं. ढेर सारे गीतों से
सजी इस फिल्म के गीत थोड़े कम सुने गए हैं.
आज सुनते हैं जान निसार अख्तर का लिखा और ओ पी नैयर का
संगीतबद्ध गीत जिसे गीता दत्त और रफ़ी ने गाया है. गीत में रफ़ी
की आवाज़ में केवल कुछ शब्द ही हैं मगर यह गीत युगल गीतों
की श्रेणी में आता है.
गीत के बोल:
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
सैयां तुम बड़ा दुःख पाओगे
अब जान भी लो पहचान भी लो
नज़रें ये प्यार की
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
सैंया तुम बड़ा दुःख पाओगे
अब जान भी लो पहचान भी लो
नज़रें ये प्यार की
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
तुम जवाँ मेरा दिल जवाँ
इक नज़र मेरे मेहरबाँ
तुम जवाँ मेरा दिल जवाँ
इक नज़र मेरे मेहरबाँ
मानो मानो मेरी बात मानो
नहीं गैर जानो ओ पिया
मानो मानो मेरी बात मानो
नहीं गैर जानो ओ पिया
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
सैयां तुम बड़ा दुःख पाओगे
अब जान भी लो पहचान भी लो
नज़रें ये प्यार की
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
दिलरुबा मेरी हर अदा
हर नज़र मेरी इक बला
दिलरुबा मेरी हर अदा
हर नज़र मेरी इक बला
गोरी गोरी मेरी देखो बाहें
भरे लोग आहें ओ पिया
गोरी गोरी मेरी देखो बाहें
भरे लोग आहें ओ पिया
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
सैयां तुम बड़ा दुःख पाओगे
अब जान भी लो पहचान भी लो
नज़रें ये प्यार की
हमको छोड़ के कहाँ जाओगे
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Hamko chhod ke kahan-Shrimati 420
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