तुम हमें प्यार करो या न करो-कैसे कहूँ १९६४
कुछ समय पहले. आज सुनते हैं लता मंगेशकर का गाया हुआ एक
मधुर गीत जिसमें बांसुरी, सारंगी और सेक्सोफोन का सुन्दर प्रयोग
है.
गीत का शुरूआती संगीत किसी भूतिया गीत का आभास देता हुआ
अपनी सीमा में लौट आता है. ये शायद नायिका के दिमाग में चल
रही उथल पुथल को दर्शाने के लिए प्रयोग में लाया गया था.
शकील बदायूनीं के लिखे गीत की तर्ज़ बनायीं है बर्मन दादा ने.
नायिका नंदा इसे परदे पर गा रही हैं.
गीत के बोल:
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
चाहे किस्मत में खुशी हो के ना हो
गम उठा कर ही जिए जायेंगे
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
हम नहीं वो जो गम-ए-इश्क से घबरा जायें
हो के मायूस जुबां पर कोई शिकवा लायें
हम नहीं वो जो गम-ए-इश्क से घबरा जायें
हो के मायूस जुबां पर कोई शिकवा लायें
चाहे कितना ही बढे दर्द-ए-जिगर
अपने होंठों को सिये जायेंगे
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
तुम सलामत हो तो हम चैन भी पा ही लेंगे
किसी सूरत से लगी दिल की बुझा ही लेंगे
तुम सलामत हो तो हम चैन भी पा ही लेंगे
किसी सूरत से लगी दिल की बुझा ही लेंगे
प्यार का जाम मिले या न मिले
हम तो आंसू भी पिए जायेंगे
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
तोड़ दी आस तो फिर इतना ही एहसान करो
दिल में रहना जो ना चाहो तो नज़र ही में रहो
तोड़ दी आस तो फिर इतना ही एहसान करो
दिल में रहना जो ना चाहो तो नज़र ही में रहो
ठसे लगती जो है दिल पर तो लगे
गम उठा कर ही जिए जायेंगे
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
तुम हमें प्यार करो या न करो
हम उम्हें प्यार किये जायेंगे
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Tum hamen pyar karo ya na karo-Kaise kahoon 1964
Artist: Nanda
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