ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना-टकसाल १९५५
गीता, आशा, मन्ना डे की आवाजों के अलावा भी कई आवाजें
हैं जिन्हें आम श्रोता नहीं सुन पाता. कुछ तो जानकारी के
अभाव में. और कुछ अपनी पसंद के चलते गिनती की आवाजों
तक शौक सीमित हो जाता है.
सन १९५५ की एक फिल्म है टकसाल. इसमें गायिका रत्ना गुप्ता
का गाया एक गीत है-ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना . इस
गीत को लिखा है प्रेम धवन ने और इसकी धुन बनाई है रोशन ने.
‘ऐ जी’ संबोधन वाला एक गीत हम आपको सुनवा चुके हैं इस
ब्लॉग पर पहले.
गीत के बोल:
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
बड़ा मुश्किल है दिल को बचाना
हाय रे हाय
मुश्किल है दिल को बचाना
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
बड़ा मुश्किल है दिल को बचाना
हाय रे हाय
मुश्किल है दिल को बचाना
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
भीगी भीगी ये शाम
ये छलकते जाम ये अदाएं
भीगी भीगी ये शाम
ये छलकते जाम ये अदाएं
जब थाम के हाथ
कोई प्यार की बात कह जाए
ना चले फिर कोई बहाना
ना चले फिर कोई बहाना
मुश्किल है दिल को बचाना
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
बड़ा मुश्किल है दिल को बचाना
हाय रे हाय
मुश्किल है दिल को बचाना
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
रह के दिन चार ये जालिम बहार
चली जाए
रह के दिन चार ये जालिम बहार
चली जाए
सुन दिल की बात
जाने फिर ये बात कब आये
मैं हूँ शमा तू परवाना
देखो मुश्किल है दिल को बचाना
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
बड़ा मुश्किल है दिल को बचाना
हाय रे हाय
मुश्किल है दिल को बचाना
ऐ जी आये जब प्यार का ज़माना
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Ae ji jab aaye pyar ka zamana-Taksaal 1955
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