दिल जो ना कह सका-भीगी रात १९६५
भीगी रात से. फिल्म में प्रदीप कुमार और मीना कुमारी
प्रमुख कलाकार हैं.
फिल्म के गीत लिखे हैं मजरूह सुल्तानपुरी ने और संगीत
तैयार किया है रोशन ने. यही कोम्बिनेशन फिल्म आरती
में भी था और फिल्म ज्यादा चली थी. फिल्म भीगी रात
के फिल्म अलबत्ता लोकप्रिय रहे. ये फिल्म का सबसे ज्यादा
चर्चित गीत है. गौरतलब है फिल्म आरती श्वेत श्याम है और
फिल्म भीगी रात रंगीन.
गीत के बोल:
दिल जो ना कह सका
वोही राज़-ए-दिल कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
तौबा ये किस ने अंजुमन सजा के
टुकड़े किये हैं गुंचा-ए-वफ़ा के
टुकड़े किये हैं गुंचा-ए-वफ़ा के
उछालो गुलों के टुकड़े
के रंगीन फ़िज़ाओं में रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
चलिये मुबारक ये जश्न दोस्ती का
दामन तो थामा आप ने किसी का
दामन तो थामा आप ने किसी का
हमें तो खुशी यही है
तुम्हें भी किसी को अपना कहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
सागर उठाओ दिल का किस को ग़म है
आज दिल की क़ीमत जाम से भी कम है
आज दिल की क़ीमत जाम से भी कम है
पियो चाहे खून-ए-दिल हो
के पीते पिलाते ही रहने की रात आई
दिल जो ना कह सका
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Dil jo na keh sakh-Bheegi raat 1965
Artists: Pradeep Kumar
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