किसी दिन ज़रा देख-अमरदीप १९५८
दिन एक भी आशा का गीत नहीं सुनवाया. उस दिन हर चैनल
चाहे वो टी वी का हो या रेडियो का सब पर आशा भोंसले के
गाये गीतों पर आधारित कार्यक्रमों का प्रसारण हो रहा था. अगले
दिन एक खूबसूरत गीत सुनवाया था आपको फिल्म सन १९५४
की फिल्म अधिकार से.
आशा भोंसले के लम्बे कैरियर में उन्हें पहला फिल्मफेयर पुरस्कार
मिला सन १९७४ की फिल्म प्राण जाए पर वचन ना जाए के गीत
के लिए. फिल्म में ओ पी नैयर का संगीत है. नैयर की वजह से
ही आशा भोंसले मुख्य धारा में आ कर नायिकाओं के गीत गाने
को मिलना शुरू हुए. संगीतकार रवि ने भी उनसे प्रमुख गीत
गवाए. उसके अलावा नियंमित रूप से प्रमुख गीत उन्हें गाने के
लिए देने वाले संगीतकार कम रहे. फागुन और नया दौर के गीत
अविस्मरणीय हैं.
आज सुनते हैं फिल्म अमरदीप से देव आनंद और पद्मिनी पर
फिल्माया गया एक मधुर गीत राजेंद्र कृष्ण का लिखा हुआ जिसे
संगीत से संवारा है सी रामचंद्र ने.
गीत के बोल:
आराम से दिल दूर है और दर्द से मजबूर
क्यूँ फिर भी नहीं मेरी मोहब्बत तुझे मंज़ूर
किसी दिन ज़रा देख मेरा भी हो के
किसी दिन ज़रा देख मेरा भी हो के
कहाँ तक दिए जायेगा दिल को धोखे
कहाँ तक दिए जायेगा दिल को धोखे
किसी दिन ज़रा देख मेरा भी हो के
किसी दिन ज़रा
वो आराम जिसकी ज़रूरत है तुझको
ज़रूरत है तुझको
वो आराम जिसकी ज़रूरत है तुझको
ज़रूरत है तुझको
मिलेगा तुझे
हो मिलेगा तुझे मेरी बाहों में खो के
किसी दिन ज़रा देख मेरा भी हो के
किसी दिन ज़रा
तेरा दिल ही खुद तेरा दुश्मन है वरना
तेरा दिल ही खुद तेरा दुश्मन है वरना
तुझे मुस्कुराने से क्यूँ कोई रोके
कहाँ तक दिये जायेगा दिल को धोखे
किसी दिन ज़रा देख मेरा भी हो के
किसी दिन ज़रा
मेरी इल्तिजा है समा भी जा इनमें
हो समा भी जा इनमें
मेरी इल्तिजा है समा भी जा इनमें
खुले हैं इन आखों में कब से झरोखे
किसी दिन ज़रा देख मेरा भी हो के
किसी दिन ज़रा
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Kisi din zara-Amardeep 1958
Artists: Dev Anand, Padmini