एक ना एक दिन ये कहानी-गोरा और काला १९७२
रहा. उनकी सफलता से किसी भी दूसरे कलाकार को को भी
रश्क हो सकता है. सामान्य चेहरे वाले राजेंद्र आम आदमी को
खूब भाते थे. आम आदमी उन्हें अपने करीब पाता था. उनके
हिस्से भी कई अविस्मरणीय गीत आये हैं. आम जनता ने उनके
बाद अगर किसी पर अपना प्रेम उडेला तो वे हैं मिथुन चक्रवर्ती.
मिथुन की पारी काफी लंबी चली हिंदी फिल्म उद्योग में.
आज सुनते हैं फिल्म गोरा और काला से रफ़ी का गाया एक
गीत. आनंद बक्षी के बोल हैं और लक्ष्मी प्यारे का संगीत.
तीसरा अन्तरा दमदार है जिसमें सीधे सीधे बतला दिया गया
है सब्र का फल मीठा होता है.
गीत के बोल:
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
एक ना एक दिन ये कहानी बनेगी
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
मैं तेरा दीवाना बनूँगा
रानी तू मेरी दीवानी बनेगी
एक ना एक दिन ये कहानी बनेगी
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
एक ना एक दिन ये कहानी बनेगी
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
चैन लूटा है नींद लूटी है
ऐसे मौसम में हमसे रूठी है
चैन लूटा है नींद लूटी है
ऐसे मौसम में हमसे रूठी है
ये तेरे हाथों की अँगूठी
प्रेम की पहली निशानी बनेगी
एक ना एक दिन ये कहानी बनेगी
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
ये ग़ुस्सा तू भूल जाएगी
तेरे होंठों पे हँसी आएगी
ये ग़ुस्सा तू भूल जाएगी
तेरे होंठों पे हँसी आएगी
ये आज हो या कल हो ये होगा
ये बेरुख़ी मेहरबानी बनेगी
एक ना एक दिन ये कहानी बनेगी
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
यूँ ही पहले तो लाज आती है
बाद में गोरी मान जाती है
यूँ ही पहले तो लाज आती है
बाद में गोरी मान जाती है
तेरा-मेरा नया-नया मिलन है
ये मुलाक़ात पुरानी बनेगी
एक ना एक दिन ये कहानी बनेगी
तू मेरे सपनों की रानी बनेगी
मैं तेरा दीवाना बनूँगा
रानी तू मेरी दीवानी बनेगी
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Ek naek din ye-Gora aur kala 1972
Artists: Rajendra Kumar, Hema Malini