रंग रंग के फूल खिले है-आन मिलो सजना १९७०
आनंद बक्षी ने आनंद दिलाने वाले न जाने कितने गीत लिख दिए
कि जनता आने वाले कई सालों तक आनंदित होती रहेगी.
पकी फसल काटने को तैयार जनता के साथ नायक नायिका गार्डन
गार्डन हो रहे हैं. प्रस्तुत गीत में जूनियर महमूद को ढोल बजाने
का काम सौंपा गया है.
रंग रंग के फूल खिले मोहे भाये कोई रंग ना
हो अब आन मिलो सजना आन मिलो
आन मिलो सजना
आन मिलो आन मिलो सजना
दीपक संग पतंगा नाचे आ हा आ हा आ हा
दीपक संग पतंगा नाचे कोई मेरे संग ना
ओ अब आन मिलो सजना
आन मिलो आन मिलो सजना
सजना सजना सजना सजना आन मिलो सजना
ढूंढते तोहे तारों की छाँव में कितने काँटे चुभे मेरे पाँव में
तूने सूरत दिखाई न जालिमा परदेसी हुआ रह के गाँव में
ओ ओ ओ ओ शाबा शाबा
प्रीत मीत बिन सूना सूना लागे मोरा अँगना
ओ अब आन मिलो सजना
आन मिलो आन मिलो सजना
आई बाग़ों में फूलों की सवारियाँ
मेले की हो गयी सब तैयारियाँ
तेरा मेरा मिलन कब होगा
मिली प्रीतम से सब पनहारियाँ
ओ ओ ओ ओ शाबा शाबा
दूर दूर रह के जीने से मैं आ जाऊँ तंग ना
ओ अब आन मिलो सजना
आन मिलो आन मिलो सजना
कैसे पूछूँ मैं प्रेम की पहेलियाँ
संग होती हैं तेरी सहेलियाँ
वे चन्ना किस दम दिया ये सहेलियाँ
मेरिया रातां ने गिनिया अकेलियाँ
ओ ओ ओ ओ शाबा शाबा
रात रात भर नींद न आये खन-खन खनके कँगना
ओ अब आन मिलो सजना
आन मिलो आन मिलो सजना
आन मिलो सजना आन मिलो सजना
आन मिलो सजना आन मिलो सजना
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Rang rang ke phool khile hain-Aan milo sajna 1970
Artists: Rajesh Khanna, Asha Parekh

1 comments:
truckload of thanks
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