Jan 12, 2017

ज़िन्दगी की यही रीत है २-मिस्टर इंडिया १९८७

किशोर कुमार के गाये सबसे लोकप्रिय इंस्पिरेशनल गीतों
में से एक हमने सुना जो फिल्म मिस्टर इण्डिया में है.
इस गीत का धीमा तर्जुमा आज सुनते हैं. छोटा सा गीत
है ये. शब्बीर कुमार इसके गायक हैं.

खोना पाना के शब्दों के साथ ही उम्मीद की किरण भी
बाकी रखी गयी है इस गीत में. जावेद अख्तर गीतकार
हैं और लक्ष्मी प्यारे संगीतकार. शेखर कपूर निर्देशित
फिल्मों में मासूम, मिस्टर इण्डिया और बैंडिट क्वीन
हिंदी सिनेमा की सबसे प्रभावशाली फिल्मों में से एक है.
निरंतरता अगर रही होती उनके काम में तो आज जो
हम बड़े बड़े नाम सुनते हैं फिल्म उद्योग में निर्देशन के
क्षेत्र में उन सबको वे मीलों पीछे छोड़ चुके होते. उनके
निर्देशन में सहजता एक बहुत स्ट्रोंग एलिमेंट है. फिल्म
मासूम में ये एलिमेंट कूट कूट कर भरा हुआ है. इसके
अलावा मासूम में कलाकार भी अव्वल दर्जे के हैं. सही
मायने में अनिल कपूर के अभिनय को मांजने वाली
फिल्म यही है.



गीत के बोल:

खेलते-खेलते एक तितली ना जाने कहाँ खो गयी
एक नन्ही किरण क्यूँ अँधेरे में यूँ सो गयी
सबकी आँखों में फ़रियाद है
सबके दिल में तेरी याद है
तू नहीं है तेरी प्रीत है
जिन्दगी की यही रीत है
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Zindagi ki yahi reet hai(sad)-Mr. India 1987

Artist: Anik Kapoor

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