Jan 12, 2017

भरम तेरी वफ़ाओं का-अरमान १९५३

आपको तलत महमूद का गाया एक गीत सुनवाते हैं
एस डी बर्मन के संगीत निर्देशन में. सन १९५३ की
फिल्म अरमान के लिए इसे लिखा है साहिर ने.
‘तो क्या होता’ की वर्ड्स हैं इस गीत के. देव आनंद
और मधुबाला अभिनीत इस फिल्म के गीत थोड़े कम
सुने गए हैं मगर हैं बढ़िया गुणवत्ता वाले. ना यकीन हो
तो सुन के देख लें.



गीत के बोल:

भरम तेरी वफ़ाओं का मिटा देते तो क्या होता
भरम तेरी वफ़ाओं का मिटा देते तो क्या होता
तेरे चेहरे से हम पर्दा उठा देते तो क्या होता
तेरे चेहरे से हम पर्दा उठा देते तो क्या होता
भरम तेरी वफ़ाओं का

मुहब्बत भी तिजारत हो गयी है इस ज़माने में
मुहब्बत भी तिजारत हो गयी है इस ज़माने में
अगर ये राज़ दुनिया को बता देते तो क्या होता
भरम तेरी वफ़ाओं का

तेरी उम्मीद पर जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन
तेरी उम्मीद पर जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन
अगर यूँ ही न दिल को आसरा देते तो क्या होता
अगर यूँ ही न दिल को आसरा देते तो क्या होता
भरम तेरी वफ़ाओं का
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Bharam teri wafaon ka-Armaan 1953

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