खिलौना जानकर तुम तो-खिलौना १९७०
के लिए जाना जाता है. इसमें संजीवकुमार ने एक मानसिक संतुलन
खो चुके व्यक्ति की भूमिका निभाई है. फिल्म में मुमताज़ का अभिनय
भी बहुत बढ़िया है.
फिल्म का शीर्षक गीत जो बेहद लोकप्रिय हुआ, आज हम सुनेंगे. इसे
आनंद बक्षी ने लिखा है. लक्ष्मी प्यारे इसके संगीतकार हैं. गीत के
लिए जिस भी राग का चयन किया गया हो, एक बात तय है इसका
इन्स्ट्रुमेन्टल सुन लीजिए आपको यकीन हो जायेगा रोने वाला मामला
है.
गीत के बोल:
हो खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो
खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो
हो मुझे इस हाल में किसके सहारे छोड़ जाते हो
खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो
खुदा का वास्ता देकर मना लूँ दूर हूँ लेकिन
तुम्हारा रास्ता मैं रोक लूँ मजबूर हूँ लेकिन
के मैं चल भी नहीं सकता हूँ और तुम दौड़ जाते हो
हो खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो
गिला तुमसे नहीं कोई मगर अफ़सोस थोड़ा है
के जिस ग़म ने मेरा दामन बड़ी मुश्किल से छोड़ा है
उसी ग़म से मेरा फिर आज रिश्ता जोड़ जाते हो
हो खिलौना
मेरे दिल से ना लो बदला ज़माने भर की बातों का
ठहर जाओ सुनो मेहमान हूँ मैं चँद रातों का
चले जाना अभी से किसलिये मुह मोड़ जाते हो
हो खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो
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Khilauna jaan kar tum to-Khilauna 1970
Artist: Sanjeev Kumar, Mumtaz