साधो ऐसा ही गुरु भावे-सुर संगम १९८५
राजन साजन मिश्र की आवाजों में. कतानक का नायक एक
शास्त्रीय संगीत विशारद है. येभूमिका गिरीश कर्नाड ने निभाई
है. फिल्म में कुछ बढ़िया गीत हैं जो गंभीर संगीत प्रेमियों को
ज्यादा पसंद आते हैं.
प्रस्तुत गीत वसंत देव का लिखा हुआ है और इसकी धुन बनाई है
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने. गीत में गिरीश कर्नाड के अलावा एक
बाल कलाकार मौजूद है.
गीत के बोल:
साधो ऐसा ही गुरु भावे
साधो ऐसा ही गुरु भावे
राग रंग का भर भर प्याला
पीवे और पिलावे
साधो ऐसा ही गुरु भावे
साधो
नाद छिपा तन में लय मन में
कोई
कोई पता कोई
कोई पता ना पावे
चाँद सूरज का लोचन गुरू का
देखे और दिखावे
साधो ऐसा ही गुरु भावे
साधो
परमहँस गुरुवंस रूप जब
हृदय बीच बिराजे
सात सुरों की बानी मेरी ओम
सात सुरों की बानी मेरी
ओंकार धुन गावे
साधो ऐसा ही गुरु भावे
साधो
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Sadho aisa hi guru bhave-Sur sangam 1985
Artist: Girish Karnad