मेरे गोरे अंग बसे-परदेसी १९७०
लगता है कि प्रसिद्धि उनसे रूठ गयी हो. एक ऐसा ही गीत
है फिल्म परदेसी में जो सन १९७० की फिल्म है. परदे पर
इसे गा रही हैं कानन कौशल नामक अभिनेत्री जिन्हें आपने
सन १९७५ की फिल्म जय संतोषी माँ में देखा होगा.
गीत के बोल, धुन और भावाभिव्यक्ति उत्तम कोटि के हैं. इसमें
नायक विश्वजीत की उपस्थिति केवल एक दर्शक और श्रोता
की है. मजरूह सुल्तानपुरी इसके गीतकार हैं और गायिका हैं
लता मंगेशकर.
गीत के बोल:
मेरे गोरे अंग बसे प्यार पिया तेरा
मेरा सब कुछ है तेरा तू है सजन मेरा
दिन रैन तोहे देख जियूं बालमा
रंग में तेरे रंगी मैं चुनरी ओढ़ के
रंग में तेरे रंगी
रंग में तेरे रंगी मैं चुनरी ओढ़ के
प्यारी सखियों की गली चली आई छोड़ के
प्यारी सखियों की गली चली आई छोड़ के
पट जैसे मन का खुला द्वार किया तेरा
मेरा सब कुछ है तेरा तू है सजन मेरा
दिन रैन तोहे देख जियूं बालमा
कुछ भी तेरे सिवा याद नहीं चाह में
कुछ भी तेरे सिवा
कुछ भी तेरे सिवा याद नहीं चाह में
तेरी मतवाली बनी पड़ी तेरी बांह में
तेरी मतवाली बनी पड़ी तेरी बांह में
गले मेरे झूल रहा हार पिया तेरा
मेरा सब कुछ है तेरा तू है सजन मेरा
दिन रैन तोहे देख जियूं बालमा
आई अंगना को तेरे मंदिर मैं जान के
आई अंगना को तेरे
आई अंगना को तेरे मंदिर मैं जान के
देवता कहा तुझे आगे भगवान के
देवता कहा तुझे आगे भगवान के
मैंने लिया नाम कई बार पिया तेरा
मेरा सब कुछ है तेरा तू है सजन मेरा
दिन रैन तोहे देख जियूं बालमा
मेरे गोरे अंग बसे प्यार पिया तेरा
मेरा सब कुछ है तेरा तू है सजन मेरा
दिन रैन तोहे देख जियूं बालमा
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Mere gore ang ka-Pardesi 1970
Artists: Biswajeet, Kanan Kaushal