Apr 29, 2017

आई दिवाली आई कैसे उजाले लाई-खजांची १९५१

मौसम नहीं है मगर दीपावली वाला एक गीत सुनते हैं फिल्म
खजांची से. आशा भोंसले ने इसे गाया है. बोल राजेंद्र कृष्ण के
हैं और संगीत मदन मोहन का.

रेडियो पर बिन मौसम की बरसात कई बार होते देखी है मैंने.
त्यौहार नहीं हो तो भी कभी कभी उस त्यौहार के गीत सुनाई
दे जाते हैं. हम क्यूँ पीछे रहे भला फिर.



गीत के बोल:

आई दिवाली आई 
कैसे उजाले लाई
घर घर खुशियों के दीप जले

सूरज को शरमाये
ये  चरागों की क़तारें
रोज़ रोज़ कब आती हैं 
उजाले की ये बहारें
आ री सखी आ री सखी
आज रात सखी बालम से
दिल जीते या दिल हारे
आई दिवाली आई 
कैसे उजाले लाई

रह रह के फूटी फुलझड़ियाँ 
लागे मेले रंगों के
कदम कदम पे तीर चले हैं
 जागे भाग पतंगों के
आ री सखी  आ री सखी
आज रात को खुल के खेलें
हम भी खेल उमंगों के
आई दिवाली आई 
कैसे उजाले लाई
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Aayi diwali-Khazanchi 1951

Artist: Pata nahin

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