भीगे हुए आँचल में-तन्हाई १९७२
हैं फिल्म तन्हाई से. सन १९७२ की फिल्म तन्हाई
का ये गीत अनिल धवन और रेहाना सुल्तान पर
फिल्माया गया है.
गीत अमानुल्लाह खान अमन ने लिखा है और उनके
नाम पर गीत्कोश में केवल एक प्रविष्टि दर्ज है. इसके
अलावा इस सम्भावनाओं वाले गीतकार के बारे में
जानकारी उपलब्ध नहीं है. गीत में तीन अंतरे हैं कुल
लेकिन उपलब्ध गीतों में से एक अन्तरा गायब मिलता
है. किशोर कुमार ने इस रोमांटिक गीत को गाया है.
गीत के बोल:
भीगे हुए आँचल में समेटो ना बदन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
ये हुस्न ये शबनम ये बहारें ये जवानी
हे ये हुस्न ये शबनम ये बहारें ये जवानी
बहता हुआ देखा है यहीं आग पे पानी
ले जाऊं मैं ऐसे में कहाँ दिल की जलन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
उलझी हुई सांसें हैं धड़कता हुआ सीना
हे उलझी हुई सांसें हैं धड़कता हुआ सीना
होंठों पे दबी बात है माथे पे पसीना
हे हे हे खिलती है कली देख के नाज़ुक से दहन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
ये मदभरी तन्हाई ये तन्हाई का जादू
हे ये मदभरी तन्हाई ये तन्हाई का जादू
ऐसे में भला कैसे हो जज़्बात पे काबू
हे हे हे रंगीन बना लो इसी पल भर के मिलन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
सावन में कहीं आग ना लग जाए चमन को
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Bheege hue aanchal mein-Tanhai 1972
Artists: Anil Dhawan, Rehana Sultana
2 comments:
Melodious song, thanks!
Glad you liked it.
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