Apr 28, 2017

धक धक धक जिया करे धक-सज़ा १९५१

धक् धक् वाला गीत श्वेत श्याम युग में भी बन चुका है.
कम से कम एक गीत तो मुझे याद है. फिल्म सजा में
लता का गाया एक ऐसा गीत है.

राजेंद्र कृष्ण के लिखे गीत की धुन तैयार की है बर्मन
सीनियर ने.



गीत के बोल:

धक  धक  धक  जिया करे धक
अँखियों में अँखियाँ डाल के ना तक

सुनो री ओ गोरी  तूने चोरी चोरी
दिल की कहानी  आँखों की ज़बानी
कह दी बलम से  अपने सनम से
झुकी-झुकी अँखियों से होता है शक
अँखियों में अँखियाँ डाल के ना तक

यूं ना शरमाओ जी  ज़रा खुल जाओ जी
छोड़ो जी छोड़ो  मुखड़ा ना मोड़ो
हमसे भी थोड़ी-थोड़ी अँखियाँ मिलाओ जी
देखें भला करोगे ये ज़िद कब तक
अँखियों में अँखियाँ डाल के ना तक

सच सच कहो बात कहो बात
कैसी हुई मुलाक़ात मुलाक़ात
जानते हो कब से
तबसे की अब से
हमसे छुपाओगे तो बच के ना जाओगे
आगे तुम  पीछे हम  जाओगे थक
अँखियों में अँखियाँ डाल के ना तक
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Dhak dhak dhak-Saza 1951

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