Apr 28, 2017

कांची रे कांची रे-हरे रामा हरे कृष्णा १९७१

किसी किसी फिल्म के कथानक को देख के लगता है नायक
दूसरे देश में केवल लड़की पटाने गया है. इस मुद्दे के अलावा
भी उसके पास कई मुद्दे हो सकते हैं.

सुनते हैं देव आनंद और मुमताज़ पर फिल्माया गया एक गीत.
किशोर और लाता के गाये युगल गीत को लिखा है कविवर
आनंद बक्षी ने और संगीत तैयार किया है आर डी बर्मन ने.



गीत के बोल:

कांची रे कांची रे प्रीत मेरी साँची
रुक जा  न जा दिल तोड़ के

तेरे हाथों में है मेरी डोरी जैसी
कच्चे धागे से मैं बंधा आया ऐसे
मुश्किल है जीना  दे दे ओ हसीना
वापस मेरा दिल मोड़ के

कांची रे कांची रे प्रीत मेरी साँची
रुक जा  न जा दिल तोड़ के

झूठा है ये गुस्सा तेरा  सच्चा नहीं
सच्चे प्रेमी को तड़पाना अच्छा नहीं
वापस न आऊंगा  मैं जो चल जाऊंगा
ये तेरी गालियाँ छोड़ के
कांचा रे कांचा रे प्यार मेरा सांचा
रुक जा न जा दिल तोड़ के

रंग तेरे में ये तन रंग लिया
तन क्या है मैंने मन रंग लिया
बस चुप ही रहना  अब फ़िर ना कहना
रुक जा  न जा दिल तोड़ के
कांचा रे कांचा रे प्यार मेरा सांचा
रुक जा न जा दिल तोड़ के
...........................................................
Kanchi re kanchi re-Hare Rama Hare Krishna 1971

Artists: Dev Anand, Mumtaz

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP