दुर्गा है मेरी माँ-माता भजन-क्रांति १९८१
लोकप्रिय भजन को महेंद्र कपूर और मीनू पुरुषोत्तम ने गाया
है. संतोष आनंद ने इस भजन को लिखा है और इसकी धुन
तैयार की है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने.
भजन के बोल:
जयकारा शेरों वाली का
बोल साचे दरबार की जय
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
ओ बोलो जय माता की जय हो
ओ बोलो जय माता की जय हो
ओ जो भी दर पे आये जय हो
वो खाली न जाये जय हो
सबके काम है करती जय हो सबके दुखड़े ये हरती जय हो
ओ मैया शेरा वाली जय हो भर दो झोली खाली जय हो
ओ मैया शेरा वाली जय हो भर दो झोली खाली जय हो
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
मेरी माँ शेरों वालिए
पूरे करे जो अरमान जो सारे
पूरे करे जो अरमान जो सारे
पूरे करे जो अरमान जो सारे
पूरे करे जो अरमान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
अम्बे ज्योता वालिए
देती है वरदान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
अम्बे ज्योता वालिए
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
लाटा वालिए मेहरे वालिये
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
सारे जग को खेल खिलाये
सारे जग को खेल खिलाये
सारे जग को खेल खिलाये
सारे जग को खेल खिलाये
बिछडों को जो खूब मिलाए
बिछडों को जो खूब मिलाए
बिछडों को जो खूब मिलाए
बिछडों को जो खूब मिलाए
दुर्गे मेरिये रानिये
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
शेरों वालिये ज्योता वालिये
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ
ऊंचे मन्दिरां वालिए शेरावालिये
……………………………………………
Durga hai meri Maa-Kranti 1981
0 comments:
Post a Comment