एक पत्थर दिल को-दिल का हीरा १९७९
धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की जोड़ी वाली इस फिल्म में
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का संगीत है. आनंद बक्षी ने गीत
लिखा हैं.
प्रस्तुत गीत लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी ने गाया
है. धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की जोड़ी वाली ऐसी फ़िल्में
जिनमें लक्ष्मी प्यारे का संगीत है आपको लता-रफ़ी के
युगल गीत सुनने को मिल जायेंगे.
गीत के बोल:
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी
शीशे से पत्थर टकराया
माटी के बुत से प्यार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
शीशे से पत्थर टकराया
माटी के बुत से प्यार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
उसने घूंघट ना खोला मैं घूंघट में जलती रही
उसने घूंघट ना खोला मैं घूंघट में जलती रही
उसकी याद छुरी बन के मेरे दिल पे चलती रही
मीठा मीठा दर्द सहा बेदर्दी से कुछ न कहा
मैं दीवानी थी की नादानी
अपने कातिल को मैं दिल दे बैठी
दुल्हन बन के सेज सजाई जुल्मी का इंतज़ार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी
कह कर जीना अच्छा है चुप रह कर मर जाने से
कह कर जीना अच्छा है चुप रह कर मर जाने से
शर्म बहुत आई फिर भी छेड़ी बात बहाने से
दिल का हाल कहा सुन के वो चुप चाप रहा
मैंने दीवानी थी की नादानी
कैसे बुजदिल को मैं दिल दे बैठी
आज नहीं तो कल समझेगा मैंने ऐतबार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
एक बेदर्दी को मैं दिल दे बैठी
माटी के बुत भी देखो इंसानों जैसे होते हैं
माटी के बुत भी देखो इंसानों जैसे होते हैं
प्यार मिले तो हँसते हैं चोट लगे तो रोते हैं
बा अब चुप रहना फिर ना मुझसे कहना
मैंने दीवानी थी की नादानी
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
काफी है ये एक इशारा मैंने जो बार बार किया
एक पत्थर दिल को मैं दिल दे बैठी
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Ek patthar dil ko-Dil ka heera 1979
Artists: Dharmendra, Hema Malini
2 comments:
वीडियो गायब है
डायमंड साहब वो फिर से दिखने लगा है-वीडियो
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