मुझको यारों माफ़ करना-मैं नशे में हूँ १९५९
या नहीं इस बात पर मैं किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाया
अभी तक. राज कपूर की कई श्वेत श्याम फिल्मों का नायक
मदिरा प्रेमी है. इधर तो फिल्म का शीर्षक ही नशे वाला है.
फिल्म के कुछ गीत लोकप्रिय हैं उनमें से एक आज सुनते हैं.
फिल्म का शीर्षक गीत है ये जिसे शैलेन्द्र ने लिखा है और
शंकर जयकिशन ने बनाई इसकी धुन.
गीत के बोल:
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर खुदा ना हो
मुझको यारों माफ़ करना मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना मैं नशे में हूँ
कल की यादें मिट रही हैं दर्द भी है कम
अब ज़रा आराम से आ जा रहा है दम
अरे आ जा रहा है दम
कम है अब दिल का तड़पना मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना मैं नशे में हूँ
ढल चुकी है रात कब की उठ गयी महफ़िल
मैं कहाँ जाऊँ नहीं कोई मेरी मंज़िल
नहीं कोई मेरी मंज़िल
दो कदम मुश्किल है चलना मैं मजे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना मैं नशे में हूँ
है ज़रा सी बात और छलके हैं कुछ प्याले
वरना जाने क्या कहेंगे ये जहां वाले
कहेंगे ये जहां वाले
तुम बस इतना याद रखना मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ
मुझको यारों माफ़ करना मैं नशे में हूँ
……………………………………………………..
Mujhko yaron maaf karma-main nashe mein hoon 1959
Artists: Raj Kapoor
0 comments:
Post a Comment