Apr 22, 2017

ओ माझी रे-खुशबू १९७५

कभी भी जब खुशबू का प्रयोग करते हैं तो इस
फिल्म के गीत याद आ जाते हैं और जब भी
कभी ओ माज्ज़ी रे गाने वाले याद आते हैं ये
गीत याद आ जाता है.

गुलज़ार का गीत है, किशोर की आवाज़ और
पंचम का संगीत.



गीत के बोल:

ओ माझी रे 
ओ माझी रे
अपना किनारा  नदिया की धारा है

साहिलों पे बहने वाले कभी सुना तो होगा कहीं
कागजों की कश्तियों का कहीं किनारा होता नहीं
ओ माझी रे  माझी रे
कोई किनारा जो किनारे से मिले वो अपना किनारा है
ओ माझी रे
अपना किनारा  नदिया की धारा है

पानीयों में बह रहे हैं  कई किनारे टूटे हुये
रासतों में मिल गये हैं सभी सहारे छूटे हुये
कोई सहारा मझधारे में मिले जो अपना सहारा है
ओ माझी रे
अपना किनारा  नदिया की धारा है
…………………………………………………
O majhi re-Khushboo 1975

Artist: Jeetendra

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