सुन री पवन पवन पुरवैया-अनुराग १९७२
एक गीत सुनते हैं.
फिल्मः अनुराग
वर्ष: १९७२
गायिकाः लता मंगेशकर
संगीतकारः एस डी बर्मन
गीतकारः आनंद बक्षी
गीत के बोल:
सुन री पवन
सुन री पवन पवन पुरवैया
मैं हूँ अकेली अलबेली तू सहेली मेरी
बन जा साथिया
सुन री पवन पवन पुरवैया
मैं हूँ अकेली अलबेली तू सहेली मेरी
बन जा साथिया
चल तू मेरा आँचल थाम के
अनजाने रस्ते इस गाँव के
चल तू मेरा आँचल थाम के
अनजाने रस्ते इस गाँव के
साथी हैं ये मेरे नाम के
नैन ये निगोड़े किस काम के
डोले मेरा मन ऐसे जैसे नैया
मैं हूँ अकेली अलबेली तू सहेली मेरी
बन जा साथिया
तू बन जा साथिया
कोई तो हो ऐसे पूछे बात जो
गिरूँ तो पकड़ लेवे हाथ जो
कोई तो हो ऐसे पूछे बात जो
गिरूँ तो पकड़ लेवे हाथ जो
हँसे रोये सदा मेरे साथ जो
सोए जागे संग दिन रात जो
ऐसे हो मिलन जैसे धूप छैयां
मैं हूँ अकेली अलबेली तू सहेली मेरी
बन जा साथिया
तू बन जा साथिया
सुन री पवन पवन पुरवैया
मैं हूँ अकेली अलबेली तू सहेली मेरी
बन जा साथिया
तू बन जा साथिया
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Sun ri pawan-Anurag 1972
Artists: Mousmi Chatterji, Vinod Mehra
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