हँस तू हरदम-लूटमार १९८०
वर्ष: १९८०
गीतकार:अमित खन्ना
गायक: किशोर, लता
संगीत: राजेश रोशन
गीत के बोल:
हे हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
किसी से डरना नहीं
डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
किसी से डरना नहीं
डर डर के जीना नहीं
हग तू हरदम
खुशियां या ग़म
जो डरपोक हैं खुद वो ही
आँख दिखाया करते हैं
जो कमजोर हैं खुद वो ही
हाथ उठाया करते हैं
दुश्मन की किसी बात से
तुम डर जाया ना करो
हे हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
किसी से डरना नहीं
डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
तेरी हिम्मत की किस्मत
जो बिगड़ी बात बनायेगी
शान से तू ये कदन उठा
मंज़िल खुद मिल जायेगी
खुद को लड़ाई में तुम
उलझाया ना करो
हे हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
किस्सी से डरना नहीं
डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
लूटमार में क्या रखा
खून खराबा होता है
जैसी करनी वैसी भरनी
यही फ़ैसला होता है
हे हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
किसी से डरना नहीं
डर डर के जीना नहीं
हँस तू हरदम
खुशियां या ग़म
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Hans too hardam-Loot maar 1980
Artists: Dev Anand, Tina Munim
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