May 7, 2017

हुस्न से चाँद भी शरमाया है-दूर की आवाज़ १९६४

एक रोमांटिक गीत सुनते हैं रफ़ी की आवाज़ में फिल्म
दूर की आवाज़ से. इसे जॉय मुखर्जी और सायरा बानो
पर फिल्माया गया है.

संगीतकार रवि ने रफ़ी के लिए जितने भी सोफ्ट गीत
बनाये हैं वे तकरीबन सभी सुनने में मधुर हैं. इसे लिखा
है शकील बदायूनीं ने.



गीत के बोल:

हुस्न से चाँद भी शरमाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
हुस्न से चाँद भी शरमाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

हाय इन प्यार में डूबी हुई आँखों की क़सम
आदमी क्या है फ़रिश्तों के बहक जाएँ क़दम
बिन पिए मुझपे नशा छाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

जब से पाया है तुझे होश नहीं है मुझको
या तो ये सच है कि देख रहा हूँ तुझको
या कोई ख़्वाब नज़र आया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है

मुस्कराएँ जो तेरे लब तो बहारें आईं
खिल गए फूल पड़ी तेरी जहाँ परछाईं
तूने गुलशन मेरा महकाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है
………………………………………………..
Husn se chand bhi sharmaya hai-Door ki awaaz 1964

Artists: Joy Mukherji, Saira Bano

1 comments:

albumcage,  July 23, 2017 at 12:29 PM  

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