जग कहता...मैं देखूं तो है-नैना १९५३
सुन लेते हैं जिसका संगीत उन्होंने तैयार किया है.
सन १९५३ की फिल्म नैना से लता मंगेशकर का गाया
गीत सुनते हैं. प्यारेलाल संतोषी इस गीत के रचयिता
हैं.
गीत के बोल:
जग कहता है मैं हूं अंधी
मैं कहती अंधा जग सारा
मैंने ज्योत जगा ली मन की
खोकर आँखों का उजियारा
दुनिया ना देखूँ मैं
देखूँ तो है दिन राती
मैं देखूँ तो है दिन राती
ओ मेरे तन मन ओ मेरे जीवन
ओ मेरे साथी
देखूँ तो है दिन राती
मैं देखूँ तो है दिन राती
आँखों वाले अंधे हैं वो
जो खुद को पहचान ना पाये
आँखों वाले अंधे हैं वो
जो खुद को पहचान ना पाये
मैं तुम को पहचान गई रे
मैं तुम को पहचान गई रे
जगा प्रीत की बाती
मैं देखूं तो है दिन राती
मैं देखूं तो है दिन राती
अपने अपने रंग मे दुनिया
अपना अपना राग सुनाये
अपने अपने रंग मे दुनिया
अपना अपना राग सुनाये
अपनी लगन को ले ईकतारा
अपनी लगन को ले ईकतारा
तेरे गीत नित गाती
मैं देखूँ तो है दिन राती
मैं देखूँ तो है दिन राती
मैं देखूँ तो है दिन राती
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Jag kehta….main dekhoon to hai-Naina 1953
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