May 16, 2017

निंदिया से जागी बहार-हीरो १९८३

आज सुनते हैं सन १९८३ की फिल्म हीरो से एक लोकप्रिय गीत.
पांच पीढ़ी की नायिकाओं के लिए गाना गाने वाली लता मंगेशकर
शायद अकेली गायिका होंगी इस हिंदी फिल्म जगत में.

गीत आनंद बक्षी का लिखा हुआ है. इसे मीनाक्षी शेषाद्रि गा रही
हैं परदे पर. हीरो सुभाष घई की फिल्म है जिसमें उन्होंने एक
नए कलाकार को ब्रेक दिया था-जैकी श्रोफ




गीत के बोल:

निंदिया से जागी बहार
ऐसा मौसम देखा पहली बार
निंदिया से जागी बहार
ऐसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूके कूके गाये मल्हार
कूके कूके गाये मल्हार
निंदिया से जागी बहार
ऐसा मौसम देखा पहली बार

मैं हूँ अभी कमसिन कमसिन
मैं हूँ अभी कमसिन कमसिन
जानूं ना कुछ इस बिन इस बिन
रातें जवानी की
रातें जवानी की बाली उमर के दिन
कब क्या हो नहीं ऐतबार
ऐसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूके कूके गाये मल्हार
कूके कूके गाये मल्हार
निंदिया से जागी बहार
ऐसा मौसम देखा पहली बार

कैसी ये रुत आई
रुत आई कैसी ये रुत आई
सुन के मैं शरमाई
शरमाई सुन के मैं शरमाई
कानों में कह दे क्या
कानों में कह दे क्या
जाने ये पुरवाई
पहने फूलों ने किरणों के हार
ऐसा मौसम देखा पहली बार
कोयल कूके कूके गाये मल्हार
कूके कूके गाये मल्हार
निंदिया से जागी बहार
ऐसा मौसम देखा पहली बार
……………………………………………………
Nindiya se jaagi bahar-Hero 1983

Artists: Jackie Shroff, Meenakshi Sheshadri

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP