ओ मनचली कहाँ चली-मनचली १९७३
के अलावा ये आपको ये भी याद दिलाते रहते हैं कि फिल्म का
नाम क्या है. अपने समय की मशहूर फिल्म जिसके गाने भी उस
वक्त मशहूर थे-मनचली से आपको आज फिल्म का शीर्षक गीत
सुनवाते हैं जिसे किशोर कुमार ने गाया है. संजीव कुमार इसको
परदे पर गा रहे हैं.
बोल आनंद बक्षी के हैं और संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का. १९७३
में लक्ष्मी प्यारे की कई उल्लेखनीय फ़िल्में रिलीज़ हुई थीं जिनमें
से एक राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर अभिनीत फिल्म दाग भी है.
गीत के बोल:
ओ मनचली कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली
देख देख देख देख मुझसे न शरमा
एक एक एक मैं हूँ भंवरा
और तू कली
ओ मनचली कहाँ चली
ओ मनचली कहाँ चली
होठों पे ले के तेरा नाम
आई है रंग भरी शाम
फूलों से छलके हैं जाम
भंवरों ने दिल लिये थाम
ऐसे में हे हे हो ए हे हो
ऐसे में तोड़ के प्रेम की डोरी
ओ गोरी चकोरी तू कहाँ चली
दुनिया से नहीं डरेंगे
हम तुम मुलाक़ाते करेंगे
आजा दो बाते करेंगे
रंगीं बरसातें करेंगे
ये सच है ए हे ओ ओ ए हे ओ ओ
ये सच है मैं हूँ एक दीवाना
न जाना न माना तू कहाँ चली
रुत ऐसी आई हुई है
बदली सी छाई हुई है
तू क्यों शरमाई हुई है
मुझसे घबराई हुई है
प्यार में ऐ हे ओ हो ऐ हे ओ हो
प्यार में यार से आँख चुरा के
छुपा के बचा के तू कहाँ चली
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O manchali kahan chali-Manchali 1973
Artists: Sanjeev Kumar, Leenba Chandavarkar
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