दिन जा रहे हैं-दूसरी सीता १९७४
देखता रहेगा. नैसर्गिक प्रतिभा वाले कलाकारों में से एक हैं
जया भादुड़ी. अपनी समकालीन अभिनेत्रियों की तरह उनके
पास वो कद काठी और चेहरा मोहरा नहीं था मगर अपने
अभिनय के बलबूते उन्होंने दर्शकों के मन में एक अलग ही
स्थान बनाया. उनकी फिल्मों की सूची पर गौर करें तो आप
पाएंगे कि उन्होंने लगभग सभी प्रकार की भूमिकाएं निभा ली
हैं अभी तक.
फिल्म दूसरी सीता से लता मंगेशकर का गाया एक उम्दा
गीत सुनते हैं. बोल और संगीत दोनों बढ़िया हैं गीत के. लता
के गाये और जया भादुड़ी पर फिल्माए दो गीतों के मुखड़ों
में रातों के साये शब्द आता है. दूसरा गीत फिल्म अन्नदाता
का है जो सन १९७१ की फिल्म है और वो गीत योगेश का
लिखा हुआ है.
गीत के बोल:
दिन जा रहे हैं के रातों के साये
अपने सलीबे आप ही उठाये
दिन जा रहे हैं के रातों के साये
अपने सलीबे आप ही उठाये
दिन जा रहे हैं के रातों के साये
जब कोई डूबा रातों का तारा
कोई सवेरा वापस न आया
वापस जो आये वीरान साये
दिन जा रहे हैं के रातों के साये
जीना जो कोई मुश्किल नहीं था
मगर डूबने को साहिल नहीं था
साहिल पे कोई अब तो बुलाये
दिन जा रहे हैं के रातों के साये
साँसों की डोरी टूटे ना टूटे
जरा जिंदगी से दामन तो छूटे
कोई जिंदगी के हाथ ना आये
दिन जा रहे हैं के रातों के साये
अपने सलीबे आप ही उठाये
दिन जा रहे हैं
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Din ja rahe hain-Doosri Sita 1974
Artist: Jaya Bhaduri
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