Jun 29, 2017

फिर छिड़ी रात-बाज़ार १९८२

आपको हमने बिछुडन का गीत पहले सुनवा दिया अब सुनते
हैं इसके पूर्व घटित मिलन का गीत फिल्म बाजार से. इसे
लता मंगेशकर और तलत अज़ीज़ ने गाया है. ऐसा कई
बार हुआ है कि हमने लिपटन से पहले पटकन वाला गीत
सुनवाया हो. कई बार क्रम का ध्यान ही नहीं रहता.

मखदूम मोइउदीन का लिखा और खय्याम द्वारा संगीतबद्ध गीत
सुनते हैं जिसे फारूख शेख और सुप्रिया पाठक पर फिल्माया
गया है. ये एक गज़ल है जिसे हम फ़िल्मी गज़ल कहते हैं.



गीत के बोल:

फिर छिड़ी रात बात फूलों की
फिर छिड़ी रात बात फूलों की
रात है या बारात फूलों की
रात है या बारात फूलों की

फूल के हार फूल के गजरे
फूल के हार फूल के गजरे
शाम फूलों की रात फूलों की
शाम फूलों की रात फूलों की

फिर छिड़ी रात बात फूलों की

आपका साथ साथ फूलों का
आपका साथ साथ फूलों का
आपकी बात बात फूलों की
आपकी बात बात फूलों की

फिर छिड़ी रात बात फूलों की

फूल खिलते रहेंगे दुनिया में
फूल खिलते रहेंगे दुनिया में
रोज़ निकलेगी बात फूलों की
रोज़ निकलेगी बात फूलों की

फिर छिड़ी रात बात फूलों की

नज़रें मिलती हैं जाम मिलते हैं
नज़रें मिलती हैं जाम मिलते हैं
मिल रही है हयात फूलों की
मिल रही है हयात फूलों की

फिर छिड़ी रात बात फूलों की

ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम
ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम
जैसे सेहरा में रात फूलों की
जैसे सेहरा में रात फूलों की

फिर छिड़ी रात बात फूलों की
…………………………………………..
Phir chhidi raat baat-Bazaar 1982

Artists: Farooq Sheikh, Supriya Pathak

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