Jul 30, 2017

कभी चाँद की तरह टपकी-जहाँ तुम ले चलो १९९९

चाँद की तरह कुछ टपक रहा है इस गीत में. वो क्या है जानने के
लिए सुनें पूरा गीत. कंट्रोल+सी या कंट्रोल+एस दबाने से मालूम नहीं
पड़ेगा जो इधर आने वाले अधिकांश जंतु करते हैं.

हरिहरन का गाया, गुलज़ार का लिखा और विशाल भारद्वाज का संगीत
से संवारा गीत सुनिए फिल्म जहाँ तुम ले चलो से. अट्ठनी सी जिंदगी
सुनाई दे रहा है और एक रूपये सी चमकती कायायें गीत में दिखाई दे
रही हैं, है ना अनोखा गीत. गीत में नायक हैं निर्मल पांडे.

आटे चक्की सी, मूंगफली की चिक्की सी, भौंचक्की सी और उचक्की सी
ना जाने कितनी चीज़ें आती हैं जीवन में.   




गीत के बोल:

कभी चाँद की तरह टपकी  कभी राह में पड़ी पाई
कभी चाँद की तरह टपकी  कभी राह में पड़ी पाई
अट्ठन्नी सी ज़िंदगी  ये ज़िंदगी
कभी छींक की तरह खनकी  कभी जेब से निकल आई
कभी छींक की तरह खनकी  कभी जेब से निकल आई
अट्ठन्नी सी ज़िंदगी  ये ज़िंदगी

तारा रप परपर रे तारा रप परपर रे

कभी चेहरे पे जड़ी देखी  कहीं मोड़ पे खड़ी देखी
कभी चेहरे पे जड़ी देखी  कहीं मोड़ पे खड़ी देखी
शीशे के मर्तबानों में  दुकान पे पड़ी देखी
चौकन्नी सी ज़िंदगी  ये ज़िंदगी

तमगे लगा के मिलती है  मासूमियत से खिलती है
तमगे लगा के मिलती है  मासूमियत से खिलती है
कभी फूल हाथ में लेकर  शाख़ों पे बैठी हिलती है
अट्ठन्नी सी ज़िंदगी  ये ज़िंदगी

कभी चाँद की तरह टपकी  कभी राह में पड़ी पाई
कभी छींक की तरह खनकी  कभी जेब से निकल आई
अट्ठन्नी सी ज़िंदगी  ये ज़िंदगी
………………………………………………………..
Kabhi chand ki tarah tapki-Jahan tum le chalo 1999

Artist: Nirmal Pandey

1 comments:

Anonymous,  September 6, 2017 at 10:58 AM  

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