Jul 25, 2017

क़रीब आओ न तड़पाओ-लव मैरिज १९५९

५० के दशक के उत्तरार्ध से एक गीत सुनते हैं गीता दत्त का
गाया हुआ.

फिल्म: लव मैरिज
वर्ष: १९५९
गीतकार:शैलेन्द्र
गायिका: गीता दत्त
संगीत: शंकर जयकिशन



गीत के बोल:

क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओ

ग़म-ए-फ़ुरकत से हमें फ़ुरसत है
मेरी क़िस्मत है के आये तुम
कुछ भी न लाए तो भी क्या ग़म है
यही क्या कम है के आये तुम
यही क्या कम है के आये तुम
क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओ

झूमेगा ज़माना मेरी छम छम पे
आज मौसम पे जवानी है
तेरी चाहत में हाय तू न जाने
मैंने मिट जाने की ठानी है
मैंने मिट जाने की ठानी है
क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओ

मेरी आँखों से दिल झाँकता है
और पूछता है इशारों से
बड़े बेरहम हो ज़रा मुस्कुराओ
ज़मीं पे तो आओ सितारों से
ज़मीं पे तो आओ सितारों से
क़रीब आओ न तड़पाओ
हमें कहना है कुछ तुमसे
तुम्हारे कानों में
क़रीब आओ
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Kareeb aao-Love marriage 1959

Artists: Dev Anand, Neeta

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