तक़दीर का फ़साना(लता)-सेहरा १९६३
वी शांताराम निर्देशित फिल्म सेहरा से आपको हम कुछ गीत
पूर्व में सुनवा चुके हैं.
इस गीत का रफ़ी वाला संस्करण आप सुन चुके हैं. प्रस्तुत
गीत लता मंगेशकर ने गाया है. इसे भी हसरत ने लिखा है
और धुन रामलाल ने तैयार की है. इसे पर्दे पर संध्या गा
रही है.
गीत के बोल:
उजड गया है मोहब्बत में जिंदगी का चमन
सितारे हैं मेरी दुनिया के आंसुओं का कफ़न
तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
तक़दीर का फ़साना
देखे थे जो भी सपने
देखे थे जो भी सपने वो बन गए हैं आंसू
जाती हुई हवाओं
जाती हुई हवाओं ले जाओ मेरी आहें
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
तक़दीर का फ़साना
अपना तो गम नहीं है
अपना तो गम नहीं है गम है तो इतना गम है
वो बेवफा न समझें
वो बेवफा न समझें हमसे बदल ना जाएँ
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
तक़दीर का फ़साना जाकर किसे सुनाएं
इस दिल में जल रही हैं अरमान की चिताएं
तक़दीर का फ़साना
............................................................
Taqdeer ka fasana-Sehra 1963
Artist: Sandhya
0 comments:
Post a Comment