वो मेरी तरफ़ यूँ चले-काफिला १९५२
एक गीत सुनते हैं.
फिल्म:काफिला
वर्ष:१९५२
गीतकार: बृजेन्द्र गौड़
गायक: किशोर कुमार
संगीतकार: हुस्नलाल भगतराम
गीत के बोल:
वो मेरी तरफ़ यूँ चले आ रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ चले आ रहे हैं
के अरमान धड़कन से टकरा रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ
उन्हें देखने को उठीं मेरी नज़रें
उन्हें देखने को उठीं मेरी नज़रें
मुझे देखते ही झुकी उनकी पलकें
न जाने वो क्यों हम से शरमा रहे हैं
न जाने वो क्यों हम से शरमा रहे हैं
के अरमान धड़कन से टकरा रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ
जो कलियाँ खिली हैं तो गुल भी खिलेंगे
जो कलियाँ खिली हैं तो गुल भी खिलेंगे
निगाहें मिली हैं तो दिल भी मिलेंगे
के साँसों से पैग़ाम आ-जा रहे हैं
के साँसों से पैग़ाम आ-जा रहे हैं
के अरमान धड़कन से टकरा रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ
उन्हें देख कर दिल लगा रंग लाने
उन्हें देख कर दिल लगा रंग लाने
है दिल क्या कहीं बात माने न माने
के हम दिल की हरकत से घबरा रहे हैं
के हम दिल की हरकत से घबरा रहे हैं
के अरमान धड़कन से टकरा रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ चले आ रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ चले आ रहे हैं
के अरमान धड़कन से टकरा रहे हैं
वो मेरी तरफ़ यूँ
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Wo meri taraf yun chale-Kaafila 1952
Artist: Ashok Kumar
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