घिर घिर के आसमान पर-बावरे नैन १९५०
राजकुमारी और आशा भोंसले ने गाया है.
गीत एक घोडा गाड़ी पर फिल्माया गया है और इसे
गीत में आप एक ग्रामीण महिला को पहाड की चोटी
पर खड़े बांसुरी बजाते देख सकते हैं. केदार शर्मा की
कुछ फिल्मों में महिला बांसुरी वादक देख सकते हैं
आप.
गीत के बोल:
घिर घिर के
घिर घिर के आसमान पर छाने लगी घटाएं
घिर घिर के
घिर घिर के आसमान पर छाने लगी घटाएं
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जाएं
घिर घिर के
घिर घिर के आसमान पर छाने लगी घटाएं
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जाएं
क़ाबू में दिल नहीं है ना होश में जवानी
क़ाबू में दिल नहीं है ना होश में जवानी
बेसुध बना रही हैं मस्ती भरी हवाएं
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जाएं
घिर घिर के
घिर घिर के आसमान पर छाने लगी घटाएं
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जाएं
तेरी हँसी तो जा कर फूलों में छुप गयी थी
फूलों में छुप गयी थी
तेरी हँसी तो जा कर फूलों में छुप गयी थी
फूलों में छुप गयी थी
कोयल की कूक बन कर गूँजी मेरी सदाएं
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जायें
घिर घिर के
घिर घिर के आसमान पर छाने लगी घटायें
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जायें
तू अपनी ओढ़नी में मन बाँध लें पिया का
मन बाँध लें पिया का
तू अपनी ओढ़नी में मन बाँध लें फिया का
मन बाँध लें पिया का
फिर ना उन्हें तू भूले न वो तुम्हें भुलायें
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जायें
घिर घिर के
घिर घिर के आसमान पर छाने लगी घटाएं
कह दो कोई पिया से परदेसवा न जायें
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Ghir ghir ke aasman par-Bawre Nain 1950
Artists: Geeta Bali, Manju
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