Jul 3, 2017

ये लाल रंग-प्रेम नगर १९७४

होली के रंगों के अलावा भी जीवन के कई रंग होते हैं.
जीवन के कई पहलुओं को रंगों से जोड़ के देखा जाता है.
फिल्म प्रेम नगर का नायक मदिरा प्रेमी है और वो जिस
रंग की बात गीत में कर रहा है वो शायद मदिरा का
है. लाल रंग या तो रेड वाइन का होता है या देसी ठर्रे
का. चूंकि फिल्म का हीरो महल में रहता है इसलिए पेय
नंबर २ की संभावना नहीं के बराबर है.

गीत काफी लोकप्रिय रहा है. आनंद बक्षी ने इसे लिखा है,
एस डी बर्मन का संगीत है और किशोर कुमार ने इसे गाया
है. नायक को आप पहचानते ही हैं.



गीत के बोल:

ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा
मेरा गम कब तलक मेरा दिल तोड़ेगा
ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

किसी का भी लिया नाम तो
आयी याद तू ही तू
ये तो प्याला शराब का
बन गया ये लहू
ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

पीने की कसम डाल दी
पिऊंगा किस तरह
ये ना सोचा तूने यार मैं
जिऊंगा किस तरह
ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा

चला जाऊं कहीं छोड़ के
मैं तेरा ये शहर
ना तो यहाँ अमृत मिले
पीने को ना ज़हर
ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा
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Ye laal rang-Premnagar 1974

Artist: Rajesh Khanna

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